संविधान पीठ के हवाले -सुप्रीम कोर्ट के सवाल-कानूनी स्थिति प्रश्न -5


प्रश्न -५ -क्या सीआर.पी.सी.की धारा ४३२ [७] में माफ़ी देने में दो सरकारों [केंद्र और राज्य ] को उचित सरकार माना जायेगा ?
कानूनी स्थिति -धारा ४३२[७] कहती है -
[७] -इस धारा में और धारा ४३३ में 'समुचित सरकार '' पद से -
[क] उन दशाओं में जिनमे दंडादेश ऐसे विषय से सम्बद्ध किसी विधि के विरुद्ध अपराध के लिए है या उपधारा [६] में निर्दिष्ट आदेश ऐसे विषय से सम्बद्ध किसी विधि के अधीन पारित किया गया है ,जिस विषय पर संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार है ,केंद्रीय सरकार अभिप्रेत है ;
[२]-अन्य दशाओं में ,उस राज्य की सरकार अभिप्रेत है जिसमे अपराधी दण्डादिष्ट किया गया है या उक्त आदेश पारित किया गया है .
और संविधान का  अनुच्छेद २५४ कहता है कि यदि राज्य विधानमंडल द्वारा किसी समवर्ती सूची के विषय पर कानून बनाया जाता है ,जो कि संसद द्वारा इससे पूर्व या बाद में बनाये गए नियम के विरोध में है ,तो अनुच्छेद २५४ के खंड [२] के उपबंधों के अधीन रहते हुए संसद द्वारा निर्मित विधि प्रभावी होगी तथा राज्य विधान मंडल द्वारा निर्मित विधि विरोध की मात्रा तक शून्य होगी .
अनुच्छेद २५४ के खंड [२] के अनुसार यदि राज्य विधान मंडल द्वारा समवर्ती सूची में वर्णित विषयों में से किसी विषय पर निर्मित विधि में कोई ऐसा उपबंध है जो संसद द्वारा उस विषय पर पूर्व में निर्मित विधि अथवा वर्तमान विधि के विरुद्ध है ,लेकिन यदि उसे राष्ट्रपति की सहमति मिल गयी है तो राज्य विधानमंडल द्वारा निर्मित विधि केवल उस राज्य में ,संसद के कानून के स्थान पर प्रभावी रहेगी .
लेकिन संसद उसी विषय पर राष्ट्रपति की सहमति के पश्चात भी यदि चाहे तो विधि बना सकती है .इसके द्वारा राज्य द्वारा निर्मित विधि में संशोधन ,परिवर्धन तथा उसका निरसन भी कर सकती है .अंततः संसद के कानून की सर्वोच्चता रहती है .
    इस प्रकार यदि अपराधी को दंड राज्य विधि के अंतर्गत मिला है तो राज्य समुचित सरकार है और यदि केंद्र विधि से मिला है तो केंद्र समुचित सरकार है किन्तु जहाँ समवर्ती सूची के किसी विषय पर आधारित विधि पर दंड मिला है और उससे सम्बंधित केंद्र व् राज्य दोनों की विधि है  तो केंद्रीय विधि के विस्तार तक राज्य विधि शून्य  रहेगी और माफ़ी देने में केंद्र सरकार समुचित सरकार होगी.

शालिनी कौशिक
    [कानूनी ज्ञान ]

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